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Showing posts from 2017

लिख दूँ क्या कुछ भी मैं ?

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ब्लॉग पोस्ट :-४६ लिख दूं क्या कुछ भी मैं ? जो कभी था नहीं क्या कर दूँ बयाँ उसको भी तुम्हे लगा की मैं गलत हूँ क्या सही होकर भी मान लूं अपनी गलती मैं किरदार तो मैंने भी अपना सलीका से निभाया क्या करूँ अगर किसी को मैं न भाया बदल दूँ क्या मैं खुद को दूसरों के लिए बदल दूंगा खुद को तो क्या दे देंगे वो मुझे? वो जो दोस्त तुम्हारे खुशी के वक़्त साथ होते तुम्हारे क्या अपनी सारी दुखों को बांट पाते हो तुम उनसे कभी आईना देख कर पूछना खुद से फिर समझ आएगा हो तुम आखिर कितने अकेले गलती तो सबसे होती है अनजाने में हमसे भी हुई तो क्या उस गलती को लेकर ज़िन्दगी भर रोते रहें दोस्त होते अगर तुम मेरे तो कब का कर देते माफ़ हमें पर अक्सर दोस्त मतलब के यार ही मिलते मैं हँसता नहीं ज़ायदा पर हमेशा दुखी हूँ ऐसा न समझना ठोकरों के वजह से गिरा हूँ अपनी नज़रों से नहीं दिन वो भी आएगा जब याद तुम भी कर रहे होगे हमें कहीं वक़्त बदलता सबका है बस वक़्त अभी हमारा है नहीं चंद दोस्त आज भी साथ हमारे बैठ जाते हैं निराश न होना ऐसा कहकर हौंसला बढ़ाते हैं अमावस्या के बाद चांद फिर रोशन होता है काले बादल हैं अ

ज़िन्दगी जी रहे हो या झूझ रहे हो

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#ब्लॉग पोस्ट :- ४५ ज़िन्दगी ने पूछा कैसे हो ? कह दिया उसने भी ठीक हूँ । फिर से दोबारा वही सवाल पूछे गए औऱ कुछ देर तक जवाब भी वही रहे । पांचवी बार उसी सवाल को सुनकर वो रो पड़ा । फिर शुरू किया उसने बताना निराश हूँ, थका हूँ, हारा महसूस करता हूँ कर सकता है क्या इस बारे में कुछ तू ? हंसते हुए ज़िन्दगी ने भी कह दिया, दूसरों के लिए जीने मरने के वादे करते हो खुद के लिए थोड़ा सा साहस भी न बचा पाए उसने निराश होकर जवाब दिया :- सब कुछ किसी गैर पर लूटा कर आ रहा हूँ, जिसे कभी मैंने अपना समझ बैठने की भूल कर दी थी । न जाने कब कैसे और क्यों मैंने अपने को खो दिया , मीठे ज़हर का घोल शहद समझ कर पीता गया । जब नींद से जागा तो तू बहुत दूर निकल गयी थी, रोशनी ढूंढ़ली सी पड़ गयी थी । मैं तुम्हे अकेला छोड़ कहाँ जाऊंगी ? ज़िन्दगी ने उसपर हाथ फेरते हुए कहा । जब तक तुम हार नहीं मानते हार और जीत  तुमसे समान दूरी पर होते हैं । उठो  साहस करो, लड़ो और एक बार खुद के लिए हमें पाकर दिखाओ ।

मॉडर्नाइजेशन या संस्कृति का मर्डर

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ब्लॉग पोस्ट :- ४४ जब देखा मैंने आज छोटे छोटे बच्चों को जीने मारने की कसम खाते तो अंदर से थोड़ा सा सहम सा गया, क्या हमारी संस्कृति धीरे धीरे कभी न वापस लौट कर आने वाली राह की ओर बढ़ रही है ? लोग कहते तो हैं कि हिंदी हैं हम हिंदी हैं हम फिर क्यों उस व्यक्ति को हीन भावना से देखते हैं जो अंग्रेजी की जगह हिंदी में वार्ता करना चाहता है? क्यों हम अंग्रेजी को समय की मांग की नज़र से देखते हैं? क्या हिंदी नहीं है समय की मांग? हर देश की एक राष्ट्र भाषा होती है पर हमारे देश में क्यों अंग्रेजी को इतनी महत्व दी जाती है ? क्या ऐसा तो नहीं कि हम अपने ही देश में गैर बन गए हैं , या फिर ऐसा है कि हम आज भी अंदर से अंग्रेजो के गुलाम ही बने हुए हैं ? हर देश की एक संस्कृति होती है ,और भारत देश की संस्कृति तो सबसे अदभुद और पौराणिक है जिसे बाहर के लोग सीखने और देखने के लिए आते हैं पर अपने ही देश वासियों ने अपनी संस्कृति को पराया कर दिया है । ये जो इतना इतराते हैं आप टूटी फूटी अंग्रेजी ही बोल कर कभी सोंचते हैं पीठ पीछे कितने बड़े मजाक के पात्र बनते हैं आप? उसी अंग्रेजी की जगह अगर हिंदी भाषा का प्रयोग करते

उम्मीद

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BlogPost 43:- एक उम्मीद थी मुझे उस हार के बाद भी जीतने की गिर कर फिर से उठ खरे होने की एक उम्मीद थी मुझे सूरज के नए किरणों की उस काली अंधेरी रात के बाद जिसने छीन ली थी मुझसे जीवन का सवाद एक उम्मीद थी मुझे उस रुआंसे चेहरे पर हंसी लाने की कर कुछ ऐसा जाऊं की फिर कभी वो दिन न आये मेरे माँ- पिताजी फिर से न रोएं एक उम्मीद थी मुझे उसके लौट आने की रूठ कर जो गयी थी, फिर वो लौट आएगी पर आती कैसे कर ली थी उसने गलतफहमी से दोस्ती एक उम्मीद थी मुझे खुद से भी जो गलती पहले की, फिर न दोहराऊं उसे मैं सीख उससे लेकर तरक्की खूब करूँ मैं एक उम्मीद थी मुझे की जीत कर आएंगे वो घर विषम परिस्थि में लड़ेंगे, न रहेगा दुश्मन का डर तिरंगा लहरायेंगे ऊंचा और होगा उनपर फक्र एक उम्मीद थी मुझे वो लौट कर घर को आएगा फिर से अपनी बहादुरी की कहानी सुनाएगा माँ के हाथ की बनी रेवड़ियां और सेवइयां खायेगा एक उम्मीद थी मझे की मेरा देश महान कहलायेगा जब जाती प्रथा धर्म सब एक हो जाएगा वो दिन ज़रूर आज नहीं तो कल ज़रूर आएगा एक उम्मीद थी मुझे दोस्ती प्यार से जीत जाएगी सालों की यारी चंद प्यार के शब्दों स

The Untold Friendship

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#BlogPost:-42 What's the reason for that smile dude? Asked one of his friends in a teasing way. Nothing just ... Yes , 28'th April was the day when the boy got a little more luckier than yesterday. A facebook random friend request was accepted, of course it was a "she" and the first messages were exchanged over messenger, little low and a little nervous the boy slowly started to talk and in no time he was flying high over the clouds, their friendship started to blossom, he found someone finally who was ready to hear his story without judging him, a million thoughts that were burried deep inside him began to flow out towards her. Now the world seemed a little less harsh to him as he finally found someone may be accidentally but someone who finally wished to heal his wounds by her gentle acts of love , kindness and support. Both had the same background luckily as both were engineers in making one was a crazy CS freak and the other was an hyperactive EE stud. The b

प्यार

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#Blog post:-41 एक एहसास जो है सबसे खास जो बुझाता है प्यासों की पयास दूरियूं को करता है कम खुशिययों को लाये पास दूर करे गम माँ की आँचल से होकर पापा के कंधों से होकर बहन के लाड़ से हमे खूब लुभाता है हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई हैं अलग अलग धर्म है यह छोटा से शब्द जो कर देता है दूरियां कम कोई करता है छुप छुप के तो कोई कार्य खिले आम कोई करे सुबह तो कोई करे शाम हैं इसके अलग अलग रूप एक नहीं अनेक हैं इसके स्वरूप बच्चे थे तो माँ पिताजी ने सिखाये इसके माइने बड़े हुए तो दोस्तों में दिखे इसके आईने लड़ते झगड़ते रूठते मानते प्यार है वो शब्द जिसे हम हैं सभी को सीखाते है यह एक नशा जो  अच्छे अच्छों की कर देता है दूर दशा मिल जाये सच्चा तो लगता है स्वर्ग से भी अच्छा ना मिले तो हो नर्क से भी बुरा नहीं रहा है आजतक इससे कोई भी अछूता प्यार है ये सबको है होता कोई करता है इसे लावेज़ों में बयां तो कोई रह जाता है इससे अनजान सभी को है मिलता किसी को कम तो किसी को ज़्यादा कोई इसके लिए भूखा तो कोई है प्यासा हैं इसके अलग अलग रंग पर चलता है सबके संग संग अंत इन्ही शब्दों से करना चाहत

कर कुछ ऐसा काम, कर कुछ ऐसा नाम

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#BlogPost 40 कर कुछ ऐसा काम  की लोग तुझे याद करें कर कुछ ऐसा नाम की लोग अपनी फ़रियाद तुझे सुनाएँ कर कुछ ऐसा काम की लोग गर्व करें तुझपर कर कुछ ऐसा नाम  की पर्व मनाएं लोग तेरे नाम पर कर कुछ ऐसा काम की लोग तेरे दर्द बाँट लें कर कुछ ऐसा नाम की लोग तेरे हमदर्द बन जाएँ कर कुछ ऐसा काम ऐसा की लोगों के दिल में तू बस जाये कर कुछ ऐसा नाम की लोग तुझ में मिल जाएं कर कुछ ऐसा काम की दोस्त तेरे पक्के हो जाएं कर कुछ ऐसा नाम की दुश्मन भी तेरे अच्छे हो जाएं कर कुछ ऐसा काम की हो हर जगह तेरा गुणगान कुछ नाम कर ऐसा की देश हो जाये तेरा और भी महान कर कुछ ऐसा काम की हो जाये तेरी अधूरी कहानी पूरी कर कुछ ऐसा नाम की मिट जाए सारी दूरी ।।

If you don't like being a doormat then get off the floor

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#BlogSpot 39 Today I want to write something which each and everyone should read, feel and ponder upon. Today's topic is Domestic Violence or rather to be more specific why are women not considered of the same stature as men. Let's start with a word "Pitrsatta (पितृसत्ता)" Pati means owner , as we say lakhpati, crorepati , so pati basically refers to owner and Pitrsatta refers to owner of the house, but I guess it has been mistaken, because the one who helps the house made of bricks and walls turn into a home of memories is a woman not a man. We often hear women complaining of domestic violence, can we give a little thought to that? The one who beared you nine months in her womb , nourished with love and care , the one, one should always be indebt to , we are actually beating them, shame on every individual who thinks to do this or who does this. A single finger is very weak but when all of the five fingers come together it has the capability to break anyone'

Live it Or Leave it , choice is your's !

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#BlogPost-38 What is the one action which will make you great ...? Everyone of us has a page in the history of the world. What is that page ? How are we going to make that page which is going to be referred by the prosperity. There is a need to give a vision to your ambition and wings to our dreams. What are we we going to be remembered for ? Each one of us will ask this question to ourselves, "what I will be remembered for ?" This is how it goes for me, a few lines, That out of the Box idea will drive you for the rest of your life. You will be definitely thinking something different on the out of the box vision, what are they?  I being a youth experienced that , every youth wants to be Unique , But the world around us is doing its best day and night, to make us just everybody else. Whether you want to be you or everybody else ? Everybody else is convenient, at the first glance but not substantial I'm the long vision. The challenge therefore my pals is that...

You hold his hand and he holds your heart

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#Blogpost 37 A person who never expresses his love to you , never tries to show his feelings, is always hard and strict , sticks to his principles but the fact is , he is just like a coconut, hard from outside and soft from inside. We write so much about our mom's , we constantly tell her that we love her and she too is reply does show her love, but rarely something is written about this special character in the family, Dad and so today I felt that I should thank this person who has sacrificed so many dreams of his just to see me happy. I heard these lines somewhere and I felt this is what a father is "पिता रोटी है कपड़ा है मकान है, पिता नन्हे से परिंदे का बड़ा आसमान है, पिता है तो घर में प्रतिपल राग है पिता से माँ की चूड़ी बिंदी और सुहाग है पिता है तो जीवन का सार है पिता है तो जीवन में खुशियां आपार है पिता है तो बच्चों के सारे सपने हैं पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने हैं " He will never say I love you" but when you look back in time and observe clos