ये बात मेरी समझ से परे है, की मरी भूख का अंत होगा या लोगों की अनंत ख्वाइशों का!!

#BlogPost30
"लोग आपकी मज़बूरी समझते है,तभी तो आपका फायदा उठाते है  कहते हुए उसने उन रुपयों को ले लिया!!"
कहते हैं
दान ऐसा करो की अगर दाएं हाथ से करो तो बाएं को पता ना लगे पर लोग तो भिखचूख को भी दान ज़माना को दिखा कर करते हैं । ये हम कहाँ आ गए हैं, ज़रा सोंचिये की जब यहाँ से जाएंगे तो क्या लेकर जाएंगे, कुछ भी तो नहीं फिर किस बात की है इतनी अँकड़ ।
याद रखना अगर अखबार की सुरकियों बनने का शौख रखते हो तो एक दिन वही अखबार रद्दी के भाव भी बिकेंगे।
कभी कभी तो दुनिया की नजरें,इंसान की खुशियाँ भी खा जाती है !! आज सिर्फ यही जाना हमने की इतनी जल्दी दुनिया की कोई चीज नहीं बदलती, जितनी जल्दी इंसान की नियत और नजरें बदल जाती है !!


शुक्रिया मोहित भाई । ☺

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