माँ 😘😍😆
#BlogPost-13
तुझसा ना कोई दूजा
तू ही है मेरी पूजा
तू ही है मेरी आँखों की ज्योति
मैं तेरे आँखों का मोती
शब्द नहीं माँ कैसी होती
माँ तो माँ जैसी होती
तू जो आँखों से ओझल होती
आँखें ढूंढती और रोती
आँखों में तू स्वर्ग सांझोति
नींद में जागती सोती
जीवन की ये डगरिया
पार हुई थाम कर माँ की उँगलियाँ
माँ की भक्ति में बसे चारों धाम
तन मन में बसा है जो उसी का नाम
तुझ बिन न और कोई दूजा
तू ही है मेरी पूजा ।।
तुझसा ना कोई दूजा
तू ही है मेरी पूजा
तू ही है मेरी आँखों की ज्योति
मैं तेरे आँखों का मोती
शब्द नहीं माँ कैसी होती
माँ तो माँ जैसी होती
तू जो आँखों से ओझल होती
आँखें ढूंढती और रोती
आँखों में तू स्वर्ग सांझोति
नींद में जागती सोती
जीवन की ये डगरिया
पार हुई थाम कर माँ की उँगलियाँ
माँ की भक्ति में बसे चारों धाम
तन मन में बसा है जो उसी का नाम
तुझ बिन न और कोई दूजा
तू ही है मेरी पूजा ।।
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