हैप्पी फादर्स डे
#BlogPost-14
जिनके कंधो पर दुनिया घूमा हुँ,
हर खुशियों को चूमा हुँ,
प्यात हमसे खूब करते
फिर चाहे कुछ ना कह पाते
बिन बोले ही समझ जाते
क्यों हैं हम गुमसुम बैठे
मुश्किल की हर घडी में
खड़ा उनको पहले पाया
छोटी सी ऊँगली पकड़कर
चलना उन्होंने हमें सिखलाया
जीवन की हर उलझन को
अपने अनुभव से सुलझाना सिखाया
हर उलझन को उन्होंने
अपना दुःख समझ कर सुलझाया
जिसने मेरी खुशियों के लिए ,
अपने सपने त्याग दिए
गलत राह पकड़ने पर,
सही राह हमें दिखलाया,
जिसने मेरी खुशियों के लिए,
अपना सर्वस्व लूटा डाला,
मुसीबतो से निकालने के लिए ,
जमीन आसमान एक कर डाला,
दूर रहकर भी
नूर हमपर बरसाया
एक छोटी सी आहट से
साया मेरा पहचाना
मेरी हर सिसकियों में
आँखों को अपनी भिगोया
आशीर्वाद उनका हमने हमेशा पाया
असमंजस के पलों में
विशवास हमपर जताया
उस विशवास को हमने
अपना आत्मविश्वास बनाया
ऐसे पिता के प्यार से बड़ा
कोई प्यार ना पाया
क्यों आज इन् शब्दों को लिखते लिखते
मुझे मेरा बच्चपन याद आ गया
फिर से कन्धों पर बैठ कर
दुनिया देखने का मन कर गया ।
आप हैं तो हुमारी पहचान है
आपकी पहचान है तो हम हैं ।
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