प्यार



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एक एहसास जो है सबसे खास
जो बुझाता है प्यासों की पयास

दूरियूं को करता है कम
खुशिययों को लाये पास दूर करे गम

माँ की आँचल से होकर पापा के कंधों से होकर
बहन के लाड़ से हमे खूब लुभाता है

हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई हैं अलग अलग धर्म
है यह छोटा से शब्द जो कर देता है दूरियां कम

कोई करता है छुप छुप के तो कोई कार्य खिले आम
कोई करे सुबह तो कोई करे शाम

हैं इसके अलग अलग रूप
एक नहीं अनेक हैं इसके स्वरूप

बच्चे थे तो माँ पिताजी ने सिखाये इसके माइने
बड़े हुए तो दोस्तों में दिखे इसके आईने

लड़ते झगड़ते रूठते मानते
प्यार है वो शब्द जिसे हम हैं सभी को सीखाते

है यह एक नशा
जो  अच्छे अच्छों की कर देता है दूर दशा

मिल जाये सच्चा तो लगता है स्वर्ग से भी अच्छा
ना मिले तो हो नर्क से भी बुरा

नहीं रहा है आजतक इससे कोई भी अछूता
प्यार है ये सबको है होता

कोई करता है इसे लावेज़ों में बयां
तो कोई रह जाता है इससे अनजान

सभी को है मिलता किसी को कम तो किसी को ज़्यादा
कोई इसके लिए भूखा तो कोई है प्यासा

हैं इसके अलग अलग रंग
पर चलता है सबके संग संग

अंत इन्ही शब्दों से करना चाहता हूँ
यार बिना मेरा प्यार रह जाता अधूरा

तुमसे ना हुआ था शुरू
पर उम्मीद करता हूँ खत्म तुम पर ही होगा गुरु

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